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सोमवार, 23 दिसंबर 2024

बेटी के सुरता



एक  गांव म डोकरी अउ डोकरा रईथे ओकर एको झन लोग लईका नई रहाय फेर बुढत काल म माता रानी ओकर मन ऊपर दया करथे अऊ डोकरी ह गरु पांव हो जथे ऐक दिन डोकरी ह डोकरा ल कईथे चलना माता रानी के आशीर्वाद ले हमर गोद ह भरगे त ओकरे खुशी म मंदिर म माथ नवा के आ जातेन कहिके अपन गोसईया ल मना डारथे डोकरी के बात तो टाल नई सकय ओकर खुशी म आपन खुशी हे कहिके दोनों परानी सुघ्घर म माता रानी के दरबार म जाथे अऊ विधि विधान ले पुजा पाठ करथे।जब मंदिर ले घर आए बर निकलथे त अईसने म ओकर पेट के पीडा सुरू हो जथे ओकर प्रसव पीड़ा ल देख गोसईया सुरहीन ल अपन घर म बुला के लाथे अईसे तईसे ऊकर घर म देवी के रुप म बेटी जनम होथे फेर महतारी ह प्रसव पीड़ा के मरे ओकर सरीर ह बुरा तरीका ले कमजोर हो जथे जेकर परभाव नानचुन लईका ऊपर देखे ल मिलथे बेटी ल पर्याप्त मात्रा म महतारी के सात धार के गोरस नई मिल पाए अऊ लईका हर भगवान ल प्यारा हो जथे ।ओती डोकरा बबा दिन-ब-दिन बेटी गवाय के दुःख म अपन जिनगी ल बिताथे एक दिन रात म दोनों झन जलपान करके भितरी कुरिया म जाके सुत जथे जईसे अधरतिया के बेरा होथे ओईसने म ओकर सपना ओकर बेटी आके कहिथे बाबू मोर नाव म मंदिर बनवाबे तब मोर आत्मा ल संतोष मिल जही कहिके चल देथे  जईसे बिहिनीया होथे सबो बात ल अपन बाई ल बता देथे दोनों परानी मिल के अपन लागानी जमीन म मंदिर निर्माण करा के विधि विधान ले पंडित ल नेवता देके सुघ्घर प्राण प्रतिष्ठा करवाथे जेन आज के समय म भव्य रुप म नवरात्र परब म जोत जवारा बोहथे। अऊ धार्मिक आस्था केन्द्र के रुप म प्रसिद्ध हावे। 



~ खुमान सिंह भाट 

     ब्लॉक - गुरुर 

   जिला-  बालोद

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