बिहनिया के जाड़ अउ उवत बेरा के रउनिया तापे म बड़ आनंद हे l उही बेरा गली म झोला लटकाये अउ कनिहा म तीन साल के नोनी ल पाये एक महिला निकलीस l आज के समय म भीखमंगीन कहना घलो गलत हे l दान बर घलो किंजरत रहिथे "शनि देवता बर तेल चघा दे " कहत l
उही मेऱ आइस जेन मेऱ सब रउनिया लेवत रहेन l
"बाबू जी
मोर लइका ल माई शक्ति दे हे l हमन ल सुन के अचरज होइस l ले नानकुन लइका के आड़ म धंधा l ढोंग ढचरा बाढ़त जात हे l
" लइका के आड़ म सब धंधा होवत हे मांगे जांगे के l रमउ बोल परिस l
चमत्कारी नोनी हे " पुछेव l
वोहर कहिस वोइसने समझ ले बाबू l "
"वो कइसे बता?"
वो बताइस -" मोर नोनी के मुड़ म तीन बेर अपन हाथ ला फेरही तीन महीना के भीतर ओकर कोनो काम अटके हे बन जही l हाथ फेरत नोनी कुछ बोल दिही तभे l"
"का बोलथे तेमा "
"येला बोले ल नई आवय फ़ेर जेकर भाग्य दिखथे ओला जान डर थे l"
" त का कुछ दे ये पड़थे "
"कुछु नहीं एक पाकिट तेल भर म l"
"ले जा जा,आघू जा,माई
तोर बूता ला तहीं जान.. I "
"नानकुन नोनी ए देवी माई ए बाबू l"
रमेसर तैयार होगे l दुकान ले खरीद के ले आइस एक पाकिट तेल कहिस "ले माई "i
वोहर कहिस -"पाकिट ल धर के घुमा ओकर बाद ओकर मुड़ी म हाथ ला फ़ेर l"
रमेसर ओइसने करिसl नोनी तीसर घ के फ़ेर म "मई ईं दो "l
रमेसर ला ख़ुशी होइस मोर काम बनगे l नोनी माई के मुँह ले निकलगे l
कुछ दिन के बाद पता चलिस l
ओ महिला के नोनी के मुड़ी म बचपन ले अंदरूनी ले खराब हे l ओकर इलाज खातिर बिचारी तेल इकठ्ठा करके ओला बेचके रुपिया सकेलत रहिस l पइसा मांगे म सब तिरिया जथे l कोन पइसा दिही आज के ठग जग के समे म l दया अउ दानी दूनो ला धोखा l काकर ऊपर का भरोसा करबे? बने के बेरा लुका जथे l कहे भर के मैनखे?
इलाज खातिर इही तरीका अपना के घर घर देवी माई आवत हे l
"नोनी माई "ला किंजारत हे गली गली l
अपन शक्ति ला देखा ना माई
कहत रहीगेव l
मुरारी लाल साव
कुम्हारी
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