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रविवार, 10 नवंबर 2024

जोरन



देवारी तिहार के बेरा राहय घर के सबो सदस्य मन अपन बेटा सुखू के अगोरा करत राहय, काबर ओहा जानत हे कि ओकर बेटा सुखू ह तिहार म अवईया हे। ओकर बर मुरकु बना के रखे हे, सुघ्घर रखिया के बरी, आमा के चटनी, निमऊ के चटनी सबो जिनिस ल बना के रखे राहय, काबर घर वाला मन जानतेच हे कि ओखर बेटा ह जिंहा रहिथे ऊहां ओ सबो खाये के जीनिस मन नई मिलय कहिके। सुखू ह दूसर राज्य म एकठन बड़े जबर कम्पनी म बुता करथय। सुखू ह एकदिन घर म फोन लगाके बताये रिहिसे कि ओहा तिहार बर अवइया हे कहिके। सुखू ह तिहार के पहिली वाला दिन म घर अमर गे। घर म जबर खुशी के माहौल ह बगर गे राहय। दाई के आंखी म मया ले डबड़बावत आँसू, महतारी दाई के दुलार अउ उमडत मया, पापा के आंखी म खुशी के चमक अउ भाई के चेहरा सुघ्घर हांसी ह घर के सुघ्घर खुशी माहौल ल प्रदर्शित करत रिहिसे। देवारी तिहार ल बने सुघ्घर मनिइसे । घर में बने दू तीन दिन ले हांसी खुशी के माहौल रिहिसे। सबो परिवार मन रतिहा के जेवन ल करके एक जगा जोरियाय रिहिसे, सुखू ह बने हांसी मजाक करके सबो सदस्य मन ल हंसात रिहिसे। ओतकिच बेरा म महतारी दाई ह एकठोक प्रश्न सुखू ल पूछ परिस, तोर लहुटे के बेरा कब हे बेटा। त सुखू ह कहिथे कालिच बिहिनिया ले निकलहू दाई। आतकिच ल सुनके एकदम से घर म सन्नाटा ह बगर गे। बिहिनिया होईस ताहन सुखू ह लहुटे बर तइयार होयेबर धर लिन, एती महतारी दाई अऊ डोकरी दाई ह सुघ्घर जोरन करत हे। रखिया बरी, निमऊ चटनी, आमा चटनी, मुरकु, पपई के फर , अरसा रोटी सोंहारी रोटी सबो ल एकठोक झोला म जोरदिन, काबर महतारी दाई ह जानत हे, जउन डाहन बेटा सुखू ह रहिथे तउन डाहन अइसन जिनिस मन मिलय नही कहिके। सुखू ह सुघ्घर जोरण ल धरके घर ले निकलत हावय, दाई ह सुघ्घर सुरता दिलात हे कहूँ कुछु ल तो नई भुलाय हस कहिके। महतारी दाई अऊ ददा के आंखी म आँसू ह डबडबावत हे। भाई ह हांसी ठिठोली करके बिछड़े के पीरा ल छुपावत हे। अइसन माहौल ल देख के सुखु के आंखी म तको थोरकुन आँसू आगे फेर आँसू ल छिपावत सुखू ह बस म तुरते चइग गे। आधा धुरिहा म गिस सुघ्घर जोरन ल देखके सबो झन के सुरता करत जोरन झोला ल एकघांव पोटार लिस। महतारी दाई के जोरन म अतेक मया ह समाये रहिथे कि ओला झटकुन एकबार म सिराए के मन नई करय। अउ जोरण के ए जिनिस मन ल धिलगहा धिलगहा बऊरे बर पड़ जाथे। घर के जोरल एकपाव के जीनिस, दुकान के 10 किलो जिनिस ले ज्यादा भार कस जनाथे। काबर ए जोरण म मया के मिश्रण ह एकर सुवाद ल कई गुना बढ़ा देथे।


✍️✍️ गनेश्वर पटेल✍️✍️

ग्राम पोटियाडिह 

जिला धमतरी(छ ग).

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