गांव भर के किसानमन हड़बडा़त हे
कब कोन मन हार्वेस्टर मशीन लाथे।
ए साल ग लूवाई के का भाव लगाथे
काबर अब "बनिहार" नई मिल पाथे।।
गाय गरुवा मन डील्ला होवत जाथे
धान ल खुंदत हे आउ अब्बड़ खाथे।
राऊत हर बरदी ल बने नई चरात हे
बरदी ले गाय गरुवा मन भाग जाथे।।
हार्वेस्टर मशीन जबले गांव म आथे
किसान मन बर सहूलियत हो जाथे।
बनिहार बड़ मुश्किल मा मिल पाथे
बनिहार अनाप-शनाप भाव लगाथे।।
सबों बूता ह एके बार मा होत जाथे
धान लूवाई मिसाई हो के घर आ थे।
भले रुपिया, पैसा हर जाथे त जाथे
हार्वेस्टर हर किसान के मन ल भाथे।।
हार्वेस्टर मशीन गिरे धान ल काटते
जेकर ले नुकसान होए से बांहचथे।
बरोबर धान ह बहुत बढ़िया लुवाथे
पैरा हर एक लाइन ले गिरत जा थे।।
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✍️ ईश्वर"भास्कर"/ग्राम-किरारी जिला-जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़।
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