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रविवार, 10 नवंबर 2024

गजल

           


बस्ती  पारा  गाँव शहर  सब दूसर के होगे।

ठोम्हा खोंची पाव पसर सब दूसर के होगे।


का  के? तोरे  शान हवे  गुन ले छत्तीसगढ़िया। (परबुधिया) 

ढेंकी जाता खार तुँहर सब दूसर के होगे। 


कोन जगा मा नाम हवे कतका पद ला पा डारे। 

मुंशी  बाबू  अउ  दफ्तर  सब  दूसर  के होगे। 


दाऊ मंडल नाम  धरे हाथ  कमंडल हावय। 

दमड़ी तो गय तोर उतर सब दूसर के होगे। 


काबिज होगे परलोखी टीप म जंगल जल के। 

बारी  बखरी  बाँध  नहर सब  दूसर  के होगे। 


गोड़ लमाके पसर गइन बाप ददा के ढाबा कस। 

आसर  शासन  भार असर  सब  दूसर के होगे।


भीतर  बाहिर झाँख  डरिन  सरबस तोरे "रौन"। 

अगुवानी  बर खोज  खबर सब  दूसर के होगे। 


राजकुमार चौधरी "रौना" 

टेड़ेसरा राजनांदगांव।

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