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शनिवार, 16 नवंबर 2024

तुलसी महारानी


देवारी,मातर अउ भाईदूज मनागे।

कार्तिक-एकादशी जेठउनी आगे।

        घरों-घर तुलसी चांवरा ल सजाय।

       कुसियार के डंगाल ले मड़वा छाय। 

तुलसी महारानी ल सुग्घर सजाय।

ये सालिग्राम संग म बिहाव रचाय।

       रंग-रंग के सुग्घर पकवान बनाय।

       तुलसी सालिग्राम ल भोग लगाय।

कोनों गऊ माता ल सोहई बंधाय।

ये सोहई बंधवाके खिचरी खवाय।

       सब लोगन रहय एकादशी उपास।

       सदा रहय घर म तुलसी माई वास।

इही दिन हा जी देवउठनी कहाय।

ये सब्बो देव कारज सुरु हो जाय।

     कोनों मन सोचे कारज ल मड़हाय।

     कोनों बर-बिहाव के लगिन धराय।

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           *चिन्ता राम धुर्वे*

       ग्राम-सिंगारपुर(पैलीमेटा)

        जिला-के.सी.जी(छ.ग.)

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