जन्मभूमि कौशल्या माँ के,
चंदखुरी शुभ ग्राम ।
छत्तीसगढ़ के अनुपम भाँचा,
होइस प्रभु श्री राम ।।
राजिम म राजीव लोचन के,
मंदिर हवै प्रसिद्ध ।
अपन भक्त के मनोकामना,
प्रभुजी करथे सिद्ध ।।
पैरी सोढ़ुर महानदी के,
इँहे त्रिवेणी संगम ।
जिहाँ कुलेश्वर महादेव के,
मिलथे पावन दर्शन ।।
डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी माँ,
रतनपुर महामाई ।
चंद्रपुर में चंद्रहासिनी,
बस्तर दंतेश्वरी दाई ।।
देवी-देवता वास करत हे,
रहिथे आठों याम ।
पावन छत्तीसगढ़ महतारी,
हमरे तीरथ धाम ।।
*रचयिता- मोहन लाल कौशिक, बिलासपुर (छ.ग.)*
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