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रविवार, 27 अक्टूबर 2024

देवारी


काम बूता हर बढ़गे हावय भारी।

लीपा बाहरा ग अपन घर दूवारी

बूता काम म थक जाथे महतारी।। 


ढेला माटी के खनाई म हाथ मा

ओमन के फोरा हर तो पर गे हे।

माटी गोटी करे के बेरा म तो जी

गोड़ म बमरी कांटा हर गड़ गेहे।।


घर के लिपाई पोताई म हाथ ल

चूना हर तो बड़  चरत जावत हे। 

भात साग ला खाय पीये के बेरा

हाथ हर अबड़ तो भरभरावत हे।।


घर के सबो समान मन ला टार

टार के जमाई म देंह हर थकगे।

ए साल के दिवाली के जी काम 

बूता मा मोर महतारी हर भजगे।।


माईलोगन मन कतको बूता ला 

करय कहूं उकर गुन नई मानय। 

हरेक घर के डौउका,लइका मन

माईलोगन मन ल ग चिल्लावय।।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

✍️ईश्वर"भास्कर"/ग्राम-किरारी।अब अवइया हावय जी दिवाली

काम बूता हर बढ़गे हावय भारी।

लीपा बाहरा ग अपन घर दूवारी

बूता काम म थक जाथे महतारी।। 


ढेला माटी के खनाई म हाथ मा

ओमन के फोरा हर तो पर गे हे।

माटी गोटी करे के बेरा म तो जी

गोड़ म बमरी कांटा हर गड़ गेहे।।


घर के लिपाई पोताई म हाथ ल

चूना हर तो बड़ चरत जावत हे। 

भात साग ला खाय पीये के बेरा

हाथ हर अबड़ तो भरभरावत हे।।


घर के सबो समान मन ला टार

टार के जमाई म देंह हर थकगे।

ए साल के दिवाली के जी काम 

बूता मा मोर महतारी हर भजगे।।


माईलोगन मन कतको बूता ला 

करय कहूं उकर गुन नई मानय। 

हरेक घर के डौउका,लइका मन

माईलोगन मन ल ग चिल्लावय।।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

✍️ईश्वर"भास्कर"/ग्राम-किरारी।

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