बधाई देने वाले
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मेरे बहुत सारे मित्र हैं
ढेर सारे शुभचिंतक
वे मुझे देते रहते हैं दिन-रात बधाईयाँ
कभी परिजनों के जन्मदिन पर
कभी महापुरुषों की जयंती पर
कभी पर्व-त्यौहार पर
जब से मोबाइल आया है
बधाईयों की बाढ़ आ गई है
बधाईयाँ तो अब मोबाइल से छलकने लगी हैं
रोज इतनी सारी बधाईयाँ आती हैं
कि समेटना मुश्किल हो जाता है
ऐसे में वे मित्र
जिनकी बधाईयाँ मैं नहीं ले पाता
वे मुझसे हो जाते हैं नाराज़
बधाई देने वालों में वे लोग भी होते हैं
जिन्हें मैं बिल्कुल भी नहीं जानता
और वे लोग भी मुझे नहीं जानते
फिर भी वे मुझे देते हैं हर रोज बधाइयाँ
कभी लकी विनर बनने की
लाखों के ईनाम जीतने की
कभी लोन स्वीकृत होने की
कभी पैसा डबल होने की
इतनी सारी बधाईयों से
मैं अभिभूत हो जाता हूँ
इतने सारे मित्रों और असंख्य शुभचिंतकों का
प्रेम व स्नेह पाकर
मेरी छाती हो जाती है चौड़ी
अब मैं गुंडे बदमाशों से भी नहीं डरता
गाली और धमकी देने वालों से भी नहीं
अब मैं केवल बधाई देने वालों से डरता हूँ
यशपाल जंघेल
तेंदूभाठा (खैरागढ़)
मो. 9009910363
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