हम शब्द समेटे अतीत वर्तमान
सदियों से अनवरत मेरा संसार
बदला-अंदाज ,बदली है रफ्तार
फिर भी अटल शाश्वत परिष्कृत
हमारी-संस्कृति , हमारी- धरोहर।।
सनातन शाश्वत युगों युगों की गंगा
वेद पुराण उपनिषदों की ज्ञान गंगा
कर्म-धर्म,भगवद्गीता-दर्शन ,महीमा
शुभम् भवतु शुभम,मंगल गान करें
हमारी - संस्कृति , हमारी - धरोहर।।
राम राज्य,कृष्ण लीला जगत गाता
बुद्ध,बुद्धत्व मंत्र,सर्व जग अपनाता
तंत्र मंत्र यंत्र प्रकृति दर्शन सिखाता
सर्वे भवन्तु सुखिन मंगल भाव धरे
हमारी - संस्कृति , हमारी- धरोहर।।
योग ध्यान आयुर्वेद जग को सिखाएं
वसुधैव कुटुंबकम् , मंगल मंत्र सुनाएं
हिम हिन्द धरा, सर्व जय घोष कराएं
सबका साथ सबका विकास बात करें
हमारी - संस्कृति , हमारी- धरोहर ।।
देवीलाल जोशी पुनाली जिला डुंगरपुर राजस्थान
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