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रविवार, 26 नवंबर 2023

भोर भाई जागो मेरे लाल खुल गई सबकी किवरियां।

भोर भाई जागो मेरे लाल खुल गई सबकी किवरियां।
गोपी ग्वाल सब जाग गए हैं सबकी खुली दुवरिया।
सोवत मेरो कान्हा निरालो,बाकी नहींखुलत निदरियाँ।
गोपी ग्वाल द्वारे ठाढे जय जयगानकरत होत ध्वनियां।
गोपियाँ उठकर दही मथत है,चूड़ीझंकृत करत कंगना।
उठ जाओ प्यारोकन्हैया, खेलोआन पड़ो मोरे अंगना।
माखन रोटी बाको भावत खावत है मेरो खूब कन्हैया।
ताजो माखन भरकर लाई, खिलारही है यशोदा मैया।
खालो मेरो कान्हा प्यारो,जाओजल्दी कदम्बकी छैया।
नंद बाबा दौड़ के आवत, ले लेत हैं ,कान्हाकी बलैया।
लाठी लीन्ही कंबल लीन्हो ,चले गए गउवन के चरैया।
ग्वाल बाल सब करत कोलाहलघर-घरबजत बधाइयां
द्रुपदसुता की लाज बचाई ,गिरि कनिष्ठा पर रखैया।।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर हो,सब के लाज बचैया।
चरण कमल पर वारी जाऊं ,मुरली मनोहर घनश्याम।
बार-बार नमन करूं मैं हाथ जोड़कर तुम्हें प्रणाम।।
डॉ मीरा कनौजिया
केंद्रीय विद्यालय हिंदी शिक्षिका

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