कुछ कर गा गीत गुनगुना ।
मान बात न कर अनसुना ।
कर महत्ता सब की स्वीकार ,
टीम एका जीत न बन सरगुना
चुने जाने तक की बिसात,
बाद जन गन को झुनझुना ।
नाच जाने, न बारीकियां ,
पांव पाजेब सिर्फ रुनझुना ।
सीख अच्छा,ले छू आसमां ,
हुनर करके रख दे बहुगुना ।।
जी ले *शोभित* खुलकर हॅंस,
आप मत फुलाया कर नथुना ।
शोभाराम नागर शोभित सुनेल
झालावाड़ (राजस्थान)
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