आज के रचना

उहो,अब की पास कर गया ( कहानी ), तमस और साम्‍प्रदायिकता ( आलेख ),समाज सुधारक गुरु संत घासीदास ( आलेख)

मंगलवार, 11 जनवरी 2022

तेरी तलाश में


एक कल और गुजर गया तेरी तलाश में
हम यूंही तन्हा रह गये मिलने की आस में ।
तेरी खोज में निगाहें हद से गुजर गई
ए जिन्दगी अब तो बता दें तु किधर गई ।
मैंने भी सोचा तुझसे कुछ ना कहा करू
यह दिल नहीं राज़ी कि तेरे बिन रहा करू ।
खुद को तेरी जुदाई का कितना हिजाब दू
दुनिया सवाल करती है मैं क्या जवाब दू ।
ना जाने क्यूं दिल में सुखद सा इक अहसास है
मुझे अब भी भरोसा है कहीं तु आसपास है।
ए जिन्दगी इस रिश्ते को अब तो कबूल कर
लग जा गले से वक्त ज़ाया ना फिजूल कर ।
सुनील दत्त-

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें