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मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

इश्क़ में मुमकिन तो है जज़्बात लेकिन

तान्या 

इश्क़ में मुमकिन तो है जज़्बात लेकिन
एक-तरफ़ा में मिलेगी मात लेकिन
फिर से उसने पहले गुड-नाइट कहा है
फिर से दिल में रह गयी कुछ बात लेकिन
साथ बैठे बात करनी थी हमें कुछ
दोनों बैठे रोये पूरी रात लेकिन
फूँक कर कैंडल बुझाया जब भी खुद को
केक खाकर सबने दी सौग़ात लेकिन
लेना-देना कुछ नहीं है तुझसे फिर भी
सुनती हूँ अब भी वही नग़मात लेकिन
उम्र भर ऐसे रहे हम जैसे उसने
दी मुहब्बत हो, लगी ख़ैरात लेकिन
ख़्वाब जो बिखरे वही गड़ते हैं फिर भी
पूरा होना नींद की हाजात लेकिन
प्यार देते हैं जिसे पिंजड़े में रखकर
मैं परिन्दे की वही हूँ ज़ात लेकिन

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