आँधियों से कभी रात नहीं होती
शशि की कभी मुलाकात नहीं होती
बहम हमारे जाने कैसे कैसे?
थकी शाम कोई शाम नहीं होती।
कुछ बातें अजीब हुआ करतीं हैं
कुछ रातें अजीब हुआ करतीं हैं
शरारतें बढ़ जातीं हैं इस कदर
खामोशी गुम सी हुआ करती है।
परिचय
अशोक बाबू माहौर
ग्राम - कदमन का पुरा, तहसील - अम्बाह, जिला - मुरैना(म. प्र.) 476111
मो.8802706980
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