आज के रचना

उहो,अब की पास कर गया ( कहानी ), तमस और साम्‍प्रदायिकता ( आलेख ),समाज सुधारक गुरु संत घासीदास ( आलेख)

शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2024

किसान मन के दुख

 🌾🌾*किसानमन के दुःख* 🌾🌾

आज गये रहे खेत धान ल देखके मन हर कल्ला गे,

मोर सुघ्घर हरियर धान मा ए का बीमारी 

हर आगे।

तनाछेद,सरन गलन,माहो के दवाई ल तो 

डारे हंव,

यूरिया खातू के संग म पोटाश तक ल तो 

मारे हंव।

खातू, दवाई छिंचवात छिंचवात सब पैसा

सीरा गे, 

कई किसम के दवाई डारे तभो ले बीमारी 

हर आगे। 

धान हर देखते देखत पिंवरा पैरा कस होत

जावत हे,

कहूं झूलसा,शीथ ब्लास्ट,माहो बीमारी तो 

बतात हे।

ए साल खातू दवाई तक हर नकल चकल 

आवत हे,

बी वन जैइसन महंगी दवाई हर तक फ़ैल

हो जात हे।

धान के बीमारी ल देख किसान के जी हर

कल्लाथे,

किसान ले जादा मनखेमन परदेश जा के

कमात हे।।

😂🥲😂😅😂🥲😂😂😅🥲

✍️ईश्वर"भास्कर"/ग्राम-किरारी 

जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें