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मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024

तुतारी


 मेंटल हॉस्पिटल कहत दीमाग अइसने हे सोजिया जाथे l अभी के समय म सबला जरुरी हे एक बार उठ बइठ करके आये के l जेने ल देखबे तेने सब इही कइथे -"मोर दीमाग काम नई करत हे? "

"मोर डिमाग ख़राब होगे l"

"मोर डिमाग ला खा दीस पूछ पूछ के l"

   फेर मेन्टल तो बिगड़े हे सब के l लोग लइका के बिहाव नई हो पावत हे ए अउ बड़े टेंसन l

भगत के इही हाल l जगत के इही हाल l 

मेंटल डॉक्टर पूछत रहिस -

"तोर का नाँव हे "

"सुशील "

"तोर बाप के.. I"

" येदे बइठे हे "

"तै बताना?"

"नई...?"

"तोर बिहाव होगे हे "

"होय रहितिस त थोड़े आतेव l" 

"काबर नई होइस? "

"एखरे सेती ?अपन बाप कोती देखत l"

"कोनो लड़की पसंद के हे?

"कोनो पसंद के नई हे l"

"काला पसंद करबे?"

"बने अस मिलही तब ना!"

डॉक्टर के अरई तुतारी चलते रहिस -"कोन तोला देखाइस बताइस? "

" भांटो देखाइस  तेन तो गोलाइन्दा भाँटा अस l"

अउ 

"फूफा देखाइस तेन राहेर काड़ी अस फांफा l"

अउ 

"झन पूछ सब मोर बर 

छूटे छाँटे निमारे l "

अच्छा!!!

एक काम कर तै खुदे देख ले बात कर के जमा के आव,नई ते मेंटल हॉस्पिटल ए तोर बर जमा दिही,  बने अस टुरी l इहे हे तोरे लाइक l ठीक हे l  

इहै भर्ती कर के रखहूँ l"


अतका सुनत सुशील के होश आगे l हींग लगे ना फिटकिरी 

रंग चोखा l सूजी काम नई आइस तुतारी ले भेद खुलगे l 

महीना दिन के भीतर सगाई के नेवता कार्ड ला धरके  सुशील जाथे l 

"जम गे डॉक्टर साहब मिलगे पसंद के लड़की l" 

हमूँ कहिथन मेंटल म बने इलाज होथे l


मुरारी लाल साव 

कुम्हारी

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