ओ मेरे नन्हे प्यारे दुलारे,घर आंगन महका जाना।
किलकारी गूंजे आंगन,प्रेम सुमन खिला जाना।।
बहुत आशा हमको तुमसे,सच तुमको हमसे भी।
उसने भेजा जग खातिर सबकी आस पूरा जाना।।
आशीषों का आँचल वारूँ,बहियाँ झूलिया झुलाऊँ।
निश्छल आंखों में तेरी अखियां अपनी मिलाउँ।।
कुछ पल बचपन जी पाउँ,तेरी अधर मुस्कान में।
मासूम शरारतें देख-देख,खुद को जैसे भुलाऊँ।।
पल पल बदलते ख्वाहिश रंग अनेक दिखायेगा।
नाचेगा अपने साथ-साथ सबको नाच नचायेगा।।
कब से थी तेरी प्रतीक्षा तेरा आगमन हरि इच्छा।
बालहठ अधिकारी तू ,हमें यहाँ-वहाँ दौड़ायेगा।।
जिस लिए आया तू यहाँ,लक्ष्य सहायक बन पाएँ।
सारा आकाश मिले तुझे तेरे यश गायक बन पाएँ।।
पूजा के दीपशिखा हो मन ईश अंश रेयांश तुम।
नवांकुर नव तरु के हम उत्तम पालक बन पाएँ।।
मुस्कान की फसल उगाएँ।।
जिनको पता वही बताएँ,हम क्या खोयें क्या पाएँ।
लीक लकीरों पर चल हारे,अब राह न कोई भटकाएँ।।
चरण चिन्ह देख चलें हैं,अमिट रेख क्या गलत सही है।
तय भी तो है वापस जाना,अब गफलत पल न गवाएँ।।
हवा मुट्ठियों में आएँ न मतलब की रेखा खींच जाएँ।
कुछ रिश्ते बिन अनुबंधन,पल साथ-साथ चल पाएँ।।
जानी-पहिचानी बस नही है,इतनी तेरी दुनियादारी।
नाम पट्टिका मतलब से हैं,बेमतलब परिचय बनाएँ।।
हाथ सदा मोतियाँ रीतीं,यूँ चलो अनुभव पूंजी लुटाएँ।
तन से धन से कर न सकें,मन संबल हम बन पाएँ।।
तस्वीरों में न साथ सही,तकलीफों में जो साथ
खड़े।
समझौतों का दर्द न पालें,मुस्कान की फसल उगाएँ।।
रंगा देतेंव ।।
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