राजकुमार 'मसखरे'
राखी का त्यौहार
खुशियों की बहार,
सावन मास पूनम
ये रिमझिम फ़ुहार !
घर-बार में धूम मची
बहन-भैया के द्वार,
इसी का वर्ष भर से
बेशब्री से था इंतज़ार !
बन-ठन बैठा भैया
बहन भी है तैयार ,
रेशम डोर कलाई पर
दोनों का छलका प्यार !
माथे पर चंदन,अक्षत
बहन का नेह अपार ,
थोड़ी हँसी ठिठोली
मिले अनमोल उपहार !
कच्चे धागों में बसा
अटूट,बंधन व्यवहार,
बँधे प्यार का बंधन
खुशहाल रहे संसार !
खुशियों की बहार,
सावन मास पूनम
ये रिमझिम फ़ुहार !
घर-बार में धूम मची
बहन-भैया के द्वार,
इसी का वर्ष भर से
बेशब्री से था इंतज़ार !
बन-ठन बैठा भैया
बहन भी है तैयार ,
रेशम डोर कलाई पर
दोनों का छलका प्यार !
माथे पर चंदन,अक्षत
बहन का नेह अपार ,
थोड़ी हँसी ठिठोली
मिले अनमोल उपहार !
कच्चे धागों में बसा
अटूट,बंधन व्यवहार,
बँधे प्यार का बंधन
खुशहाल रहे संसार !
कान्हा इतना करो उपकार !
~~~~~~~~~~~
ओ मेरे किशन कन्हैया जी
तुम आओ तो जी इकबार,
रह- रह कर हे नटवर तुम्हें
ये प्रजातंत्र कर रहा पुकार !
वो दूध-दही ये सब भूल गये
लगा है मधुशाला के अंबार,
अब न तेरी गैया न है मधुबन
है न क़दम न कदली कछार !
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ओ मेरे किशन कन्हैया जी
तुम आओ तो जी इकबार,
रह- रह कर हे नटवर तुम्हें
ये प्रजातंत्र कर रहा पुकार !
वो दूध-दही ये सब भूल गये
लगा है मधुशाला के अंबार,
अब न तेरी गैया न है मधुबन
है न क़दम न कदली कछार !
बंशी की धुन अब थम गयी
सभी के हाथों में है हथियार,
कोई किसी का नही सुनते
करते हैं मनमानी सरकार !
वो दुर्योधन,दुशासन बैठे हैं
अब किससे करूँ मैं गुहार,
इनके वह रंगीन चश्मों का
ये मैं कैसे के करूँ उपचार !
वो वैद्य-हक़ीम सब थर्राये
नही रख पाते अपने विचार,
आका को सभी ख़ुश करने
हैं सम्हाले अपनी व्यापार !
सबको प्यार बाँटने कान्हा
और पुनः ले लो अवतार ,
ईर्ष्या-द्वेष इस धरा से मिटे
इतना करो हम पर उपकार !
हमर जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
ये मोर जिला खैरागढ़- छुईखदान- गंडई
मँय कतेक ल बखानव जी एखर सुघराई ...!
खैरागढ़ के रुख्खड़ स्वामी
बख्शी जइसे साहित्यकार,
सङ्गीत विश्वविद्यालय इंहा
आमनेर के छल-छल धार !
आसीस के देवैया माता दंतेश्वरी दाई..........
पांडादाह के नामी अरजदूज
अउ करेलागढ़ के माँ भवानी,
कोड़ेगाँव के खड़गेश्वर भोले
परधानपाठ के जलरंग पानी !
इंहा प्रसिद्ध हवै जालबांधा के मंडाई.........
छुईखदान के कालीमाता
अउ वैष्णो देवी के दरबार,
हथकरघा के कपड़ा नामी
ये छिंदारी बांधा हे अल्लार !
शक्तिपीठ कोंड़का में बिराजे महामाई........
माँघ पुन्नी नरबदा के मेला
महाशिवरात्रि डोंगेश्वर धाम ,
गंडई म जुन्ना देऊर मंदिर
घटियारी शिव हे बड़े नाम !
सब बर छाहित हवै,माँ गंडई के गंगाई.......
कोपरो के तिर धाँस- कुँआ
वो सरई पतेरा के ठाड़पानी,
मोटियारी घाट म माँ बंजारी
अउ घुमँव घाटी बैतालरानी !
बुज़बुजी कुंड नहाये ले भागै रोग राई.........
मंडिपखोल गुफा बड़ भारी
सुरही पल्लो करे खेत-खार,
पैलीमेटा के ये बांधा सुग्घर
अन्नपूर्णा बइठे रास पहार !
बड़ जुड़ लागै,साल्हेवारा के अमराई...........
ये मोर जिला खैरागढ़- छुईखदान- गंडई..
मँय कतेक ल बखानव जी एखर सुघराई ..।
भदेरा (पैलीमेटा/गंडई)जि.-के.सी.जी.(छ.ग.)
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ये मोर जिला खैरागढ़- छुईखदान- गंडई
मँय कतेक ल बखानव जी एखर सुघराई ...!
खैरागढ़ के रुख्खड़ स्वामी
बख्शी जइसे साहित्यकार,
सङ्गीत विश्वविद्यालय इंहा
आमनेर के छल-छल धार !
आसीस के देवैया माता दंतेश्वरी दाई..........
पांडादाह के नामी अरजदूज
अउ करेलागढ़ के माँ भवानी,
कोड़ेगाँव के खड़गेश्वर भोले
परधानपाठ के जलरंग पानी !
इंहा प्रसिद्ध हवै जालबांधा के मंडाई.........
छुईखदान के कालीमाता
अउ वैष्णो देवी के दरबार,
हथकरघा के कपड़ा नामी
ये छिंदारी बांधा हे अल्लार !
शक्तिपीठ कोंड़का में बिराजे महामाई........
माँघ पुन्नी नरबदा के मेला
महाशिवरात्रि डोंगेश्वर धाम ,
गंडई म जुन्ना देऊर मंदिर
घटियारी शिव हे बड़े नाम !
सब बर छाहित हवै,माँ गंडई के गंगाई.......
कोपरो के तिर धाँस- कुँआ
वो सरई पतेरा के ठाड़पानी,
मोटियारी घाट म माँ बंजारी
अउ घुमँव घाटी बैतालरानी !
बुज़बुजी कुंड नहाये ले भागै रोग राई.........
मंडिपखोल गुफा बड़ भारी
सुरही पल्लो करे खेत-खार,
पैलीमेटा के ये बांधा सुग्घर
अन्नपूर्णा बइठे रास पहार !
बड़ जुड़ लागै,साल्हेवारा के अमराई...........
ये मोर जिला खैरागढ़- छुईखदान- गंडई..
मँय कतेक ल बखानव जी एखर सुघराई ..।
भदेरा (पैलीमेटा/गंडई)जि.-के.सी.जी.(छ.ग.)
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