किनारों से किनारा कर लिया हमने,
गम को अब सहारा कर लिया हमने।।
एक सख्श किसी मोड़ पर भूला गया,
उसे ही याद दुबारा कर लिया हमने।।
उसे ये पागलपन बहुत अच्छा लगा था,
बेवफ़ाई ने हमको फासले अता कर दिये,
न चाह खुदको तुम्हारा कर लिया हमने।।
एक चमकता पत्थर दिल से टकराया था,
जिसे गर्दिशों में सितारा कर लिया हमने।।
पहले एक काफ़िर को अपना बनाया था,
फिर उसके बिना गुजारा कर लिया हमने।।
जिंदगी भर अपने दर्द को हम छुपाते रहे,
देखो अब मौत को नजारा कर लिया हमने।।
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