मधुकर वनमाली
गौरव अपनी माटी पर
विश्व मुकुट धारण करता है
मेघ माल शोभित सिर पर।
धवल शिखर से निकली नदियाँ
गंगा जमुना कहलाती
सकल धरा को सींच सींच कर
शस्य श्यामला कर जाती
लहराती धानों की बाली
गूंज उठे कृषकों के स्वर।
प्यारा भारत देश हमारा
गौरव अपनी माटी पर।
राम श्याम की पुण्य भूमि यह
बुद्ध अहिंसा सिखलाते
गुटबंदी से अलग रहे हम
सदा सत्य की जय गाते
लेकिन फरसा परशुराम का
धार नही उसकी मंथर।
प्यारा भारत देश हमारा
गौरव अपनी माटी पर।।
सुंदर मौसम चमकीले सब
ऋतुओं का श्रृंगार बड़ा
पीत वसन सी फूली सरसों
खिल उठता कचनार बड़ा
बम बम बोल उठेगा काशी
जो सावन बरसे जलधर।
प्यारा भारत देश हमारा
गौरव अपनी माटी पर।
मिट्टी की कुटिया के भीतर
लाज सँभाले जाते हैं
गुदड़ी के खिलते सुमनों से
लाल निकाले जाते हैं
उसी देश का अभिनंदन है
शीश झुकाता हूं बढ़ कर।
प्यारा भारत देश हमारा
गौरव अपनी माटी पर।
मुजफ्फरपुर बिहार
मो 7903958085
विश्व मुकुट धारण करता है
मेघ माल शोभित सिर पर।
धवल शिखर से निकली नदियाँ
गंगा जमुना कहलाती
सकल धरा को सींच सींच कर
शस्य श्यामला कर जाती
लहराती धानों की बाली
गूंज उठे कृषकों के स्वर।
प्यारा भारत देश हमारा
गौरव अपनी माटी पर।
राम श्याम की पुण्य भूमि यह
बुद्ध अहिंसा सिखलाते
गुटबंदी से अलग रहे हम
सदा सत्य की जय गाते
लेकिन फरसा परशुराम का
धार नही उसकी मंथर।
प्यारा भारत देश हमारा
गौरव अपनी माटी पर।।
सुंदर मौसम चमकीले सब
ऋतुओं का श्रृंगार बड़ा
पीत वसन सी फूली सरसों
खिल उठता कचनार बड़ा
बम बम बोल उठेगा काशी
जो सावन बरसे जलधर।
प्यारा भारत देश हमारा
गौरव अपनी माटी पर।
मिट्टी की कुटिया के भीतर
लाज सँभाले जाते हैं
गुदड़ी के खिलते सुमनों से
लाल निकाले जाते हैं
उसी देश का अभिनंदन है
शीश झुकाता हूं बढ़ कर।
प्यारा भारत देश हमारा
गौरव अपनी माटी पर।
मुजफ्फरपुर बिहार
मो 7903958085
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