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गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021

मिलोगे जब कभी

रागिनी स्‍वर्णकार ( शर्मा )
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
मिलोगे जब कभी मुझ से,बनेगी फिर ग़ज़ल कोई
शरारों की तरह दहकी ,मिलेगी फिर ग़ज़ल कोई
खिली हों गुंचियाँ भँवरे करें मधुमास की बातें
मुहब्बत में कई किस्से, कहेगी फिर ग़ज़ल कोई
 पलाशी गीत  मीठे से,बुनेगा गुलमुहर खिलकर
कली कचनार सी चटकी,लिखेगी फिर ग़ज़ल कोई

 बहारों की तरफ़ देखो, लगे खुशहाल सा मौसमए
गुलाबों की तरह महकी,लगेगी फिर ग़ज़ल कोई
हवायें पायलें पहने, करें छनछन दिशाओं में
फलक पर रौशनी बनके, सजेगी फिर ग़ज़ल कोई

रागिनी स्वर्णकार ( शर्मा )
इंदौर

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