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शनिवार, 23 अक्तूबर 2021

बड़ हुशियार !

रावन मारे  बर बनगे बड़ हुशियार
सजधज के मटमट ले होगे तियार,
काली जेन  हरियर  बेशरम रिहिन
आज  बनगे  बड़  पड़री खुसियार !

नकली रावन ल नकली ह मारत हे
बता तो येला मारे के का अधिकार,
मारना  हे  त  बने  मार न रे अइबी
तोर  अंतस  म घुसरे रावन ल मार !

ले बता  राम के, के ठन गुन हवय
रावन  के गुन  घलो नइ हे दू- चार,
रावन के मुड़ी तो दसे रिहिस होही
तुँहर तो चारो मुड़ा ये हवय हज़ार !

ये कागज़,पैरा भूसा के ल रहन दे
जेन  छेल्ला घुमत हे तेला जोहार ,
जनता के बाँटा ल जेन डकारत हे
अइसन बहुरूपिया ल धर कचार !

इँहा कइ  नकली बाबा,नेता,महंत
येला  सोझिया के ठाढ़ो भुर्री बार ,
अब अइसन रावन ल खोज मारव
तभे ये देश , समाज म होही सुधार !

               -- राजकुमार मसखरे

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