समीक्षक- गोपेंद्र कु सिन्हा गौतम
हीरो
वाधवानी जी द्वारा संकलित और अयन प्रकाशन महरौली नई दिल्ली द्वारा
प्रकाशित पुस्तक "सकारात्मक अर्थपूर्ण सूक्तियां"मानव जीवन को सफल बनाने की
राह दिखाती है।इस पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ में ज्ञान के अथाह बुंदे
समुद्र की भांति समावेशित हैं।आप जैसे ही इस पुस्तक के प्रथम पृष्ठ से
पढ़ने की शुरुआत करते हैं आप ज्ञान रूपी सागर में गोता लगाने जैसा महसूस
करने लगते हैं।इसमें लिखे एक-एक शब्द जिंदगी के मर्म को चरितार्थ करती हुई
नजर आती है।सच में अगर इस पुस्तक में संकलित विचार को मानव अपने जीवन में
उतार ले तो उसका जीवन मोगरे के फूल की भांति खुशबू बिखेरने लगेगा।
इस
पुस्तक में न सिर्फ मानव जीवन को अर्थपूर्ण बनाने की कोशिश की गई है बल्कि
जिंदगी को हर तरह से परिपूर्ण बनाने की ईमानदार प्रयास किया गया है।इसमें
मानव के साथ-साथ ब्रह्मांड में पाए जाने वाले प्रत्येक जीव-जंतु,पेड़-पौधे
और वस्तुओं के महत्व को दर्शाया गया है। चांद,सूरज,तारे,आकाश,बादल,बूंदे , धरती,समुद्र,पर्वत,पठार, रेगिस्तान,नदियां,कुंआ,तलाब,पे ड़-पौधे,घास-फूस,फल-फूल,जीव-जंतु,
कीड़े-मकोड़े इत्यादि सभी से कुछ न कुछ ज्ञान अर्जन करने की कोशिश की गई
है।साथ ही उनका मानव जीवन को मजबूत बनाने में किस तरह प्रयोग किया जा सकता
है उसकी भी राह बताई गई है।
इस पुस्तक में प्यार-मोहब्बत, इश्क,प्रेम,क्रोध,घृणा,अच्छाई- बुराई,ईर्ष्या-द्वेष,पाप-
पुण्य ,हंसी-खुशी दान-दक्षिणा,ऋण,उपकार-तिरस्कार,
अलगाव-मैत्री,इच्छा-अनिच्छा, आलस्य इत्यादि जीवन में उत्पन्न प्रत्येक
संवेदना को बहुत ही सूक्ष्म तरीके से प्रस्तुत किया गया है। जिसे जान समझ
कर मानव जीवन को परिपूर्णता प्राप्त करने में मदद मिलेगा।
हीरो वाधवानी साहब ने काफी गंभीरता पूर्वक मेहनत,भाग्य,कर्म-धर्म,त्याग,लो भ- लालच,शांति-अशांति,संघर्ष,चेतन- अवचेतन,उचित-अनुचित,स्थिर- गतिशील,सत्य-सत्य,ईश्वर-अनिईश् वर
से लेकर इंसान तक की बातें बहुत ही सरल सहज और शुगम तरीके से प्रस्तुत
किया है।ताकि इंसान इससे अपने जीवन में सीख ले कर अपनी जिंदगी को सफल बना
सके।
इस पुस्तक को हीरो वाधवानी साहब की हिंदी भाषा
पर अच्छी पकड़ ने और महत्वपूर्ण बना दिया है।मेरा मानना है इस तरह की
पुस्तकें हर घर में होनी चाहिए।ताकि दैनिक जीवन में आने वाली परेशानियों को
इसे पढ़कर दूर किया जा सके।
पुस्तक का नाम - सकारात्मक अर्थपूर्ण सूक्तियांक्तियां
लेखक - हीरो वाधवानी
प्रकाशक - अयन प्रकाशन, १/२० महरौली ,नई दिल्ली ११००३०
मूल्य- 300 रूपए
समीक्षक- गोपेंद्र कु सिन्हा गौतम
समाजिक और राजनीतिक चिंतक
औरंगाबाद बिहार
9507341433
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