आज के रचना

उहो,अब की पास कर गया ( कहानी ), तमस और साम्‍प्रदायिकता ( आलेख ),समाज सुधारक गुरु संत घासीदास ( आलेख)

सोमवार, 8 दिसंबर 2025

धान बेचने टोकन नहीं मिलने पर किसान ने उठाया आत्मघाती कदम, यह सिर्फ एक घटना नहीं यह छत्तीसगढ़ के किसानों की कराहती हुई सच्चाई है – (विष्णु लोधी)

 डोंगरगढ़। धान खरीदी में टोकन न मिलने से महासमुंद जिले के विकास खण्ड बागबाहरा, ग्राम सेनभांठा के किसान शनिवार को परेशान हो कर एक किसान द्वारा आत्महत्या का प्रयास किए जाने की भीषण घटना पर छत्तीसगढ़ लोधी समाज के प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता विष्णु लोधी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

विष्णु लोधी ने कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्ति का दर्द नहीं, बल्कि आज पूरे छत्तीसगढ़ के किसानों की कराहती हुई सच्चाई है। किसानों को धान बेचने के लिए टोकन नहीं मिल रहा, और जो टोकन के लिए केंद्रों का चक्कर लगा रहे हैं, वे लगातार परेशान हो रहे हैं।


उन्होंने बताया कि कई दिनों से टोकन कटवाने के प्रयास में लगे किसान ने निराशा में आत्मघाती कदम उठा लिया। विष्णु लोधी ने कहा कि यह घटना प्रशासनिक विफलता के साथ-साथ सरकार की किसान-विरोधी नीतियों का परिणाम है। किसान अपनी बहन की शादी के लिए धान बेचने अत्यंत चिंतित था, परंतु अधिकारियों के पास सुनवाई तक नहीं हुई।

विष्णु लोधी ने आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही ने एक और किसान की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। उन्होंने कहा कि टोकन जारी न होना, केंद्रों में बदइंतजामी, और अधिकारी-कर्मचारियों की अनदेखी किसी भी संवेदनशील सरकार की पहचान नहीं हो सकती। गंभीर रूप से घायल किसान को रायपुर रेफर किया गया है और इसके लिए सरकार व प्रशासन प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के नाम पर केवल घोषणाओं की राजनीति कर रही है।

धान खरीदी प्रारंभ हो चुकी है, लेकिन टोकन के अभाव में किसानों की लंबी लाइनें और अफरा-तफरी मची है। उन्होंने प्रश्न उठाया कि क्या यही है “किसान सम्मान” या “कृषि प्रधान राज्य” की वास्तविक तस्वीर?
विष्णु लोधी की प्रमुख माँगें: धान खरीदी टोकन की व्यवस्था तत्काल मैन्युअल की जाए।

आत्महत्या का प्रयास करने वाले किसान की घटना की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई हो।
किसान परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता व सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
प्रदेश के सभी खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर पारदर्शी एवं सुचारु व्यवस्था लागू की जाए एवं एग्रीस्टेक में छूटे हुए हजारों किसानों का धान को खरीदा जाए।

विष्णु लोधी ने कहा कि किसान की पीड़ा किसी राजनीतिक दल का मुद्दा नहीं, बल्कि जीवन और सम्मान का सवाल है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसानों पर अत्याचार और उपेक्षा का सिलसिला नहीं रुका, तो प्रदेश का हर जागरूक नागरिक सड़क पर उतरने को मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकार, सम्मान और न्याय की लड़ाई वे लगातार जारी रखेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें