छेरीक छेरा छेर मरकनिन छेरछेरा
माई कोठी के धान ल हेर.....हेरा ......!!
आगे आगे पूस पुन्नी,रिहिस हे बड़ अगोरा
अन्न परब के बड़े तिहार करले संगी जोरा
चलो छेर छेराय बर जाबो
धर के लाबो झोरा झोरा.....
आजा राजू आजा बंटी,आजा ओ मनटोरा
जम्मों जाबो मजा पाबो, धर ले जी तैं बोरा
छत्तीसगढ़ हे धान के कटोरा
हमर हे लक्ष्मी दाई के कोरा.....
टेपरा,घंटी,मंजीरा धर ले,धर घांघरा रे शेरा
चुरकी,टोपली धर ले अब लगाबो जी फेरा
हम धान बेच के खुशी मनाबो
खाबो खोवा,जलेबी अउ केरा....
दान पाबो,दान करबो,आये जी सुघ्घर बेरा
चार दिन के हे जिनगानी,झन कर तेरा मेरा
अन्नपूर्णा दाई के मया बरसे
छलके ढाबा- कोठी घनेरा....
###छेरीक छेरा छेर मरकनिन छेर छेरा
###माई कोठी के धान ल हेर...... हेरा
अरन बरन कोदो दरन,जभे देबे तभे टरन
आये हे अन्नदान परब,छेर-छेरा छेर-छेरा...!
--- राजकुमार मसखरे
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