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शनिवार, 27 जून 2020

मनोरंजन

सुषमा सिंह चुण्डावत ‘शोधार्थी’


 -“क्या हुआ भाई? मूड़ क्यों खराब है तेरा??”
-“यार, इस बार लॉकडाउन की वज़ह से शादियों, उत्सव में धमाल करने को नहीं मिला ।“
-“हाँ, सच कहा तुमने । ऐसा कोई मौका होता तो सोमरस पी कर नाचने, पटाखे फोड़ने, हुडदंग करने में कितना मज़ा आता था ! अब तो सब पर रोक लगी हुई है ।“
-“मेरे पास तो पटाखों का स्टॉक बचा हुआ है, समझ नहीं आ रहा, क्या करूं । पड़े-पड़े खराब हो जाएंगें और ऐसे ही फोड़ दे तो उसमें मज़ा ही क्या !”
           तभी उनकी नज़र सामने से आ रही एक आकृति पर जा टिकी और वे एक-दूसरे की तरफ अर्थपूर्ण दृष्टि से देखते हुए मुस्कुरा दिये ।
          तीन दिन बाद समाचार-पत्रों में ख़बर छपी थी- ‘ कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा एक गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा अन्नानास खिलाया गया । तीन दिन के संघर्ष उपरांत हथिनी की हुई मृत्यु !’

(Lecturer in B. Ed college)
जिला-उदयपुर, राज्य-राजस्थान
mail : sushama2603@gmail.com

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