आज के रचना

उहो,अब की पास कर गया ( कहानी ), तमस और साम्‍प्रदायिकता ( आलेख ),समाज सुधारक गुरु संत घासीदास ( आलेख)

शुक्रवार, 8 मई 2020

उम्मीद का चराग़ जलाकर मक़ीन रख

             मनोज राठौर 'मनुज'

उम्मीद  का  चराग़  जलाकर  मक़ीन  रख |
होंगे  कभी  उजाले  तू  इतना  यक़ीन रख |
++
बेशक  सँभाल कर तू  पुराना  ही दीन रख |
लेकिन ख़याल दिल में तो ताजा तरीन रख |
++
चाहत -ए- आसमां  में  लुटादे   तू  हस्तियां, 
पैरों  तले  दबाके  मगर  कुछ  जमीन  रख |
++
कब तक  रहेगा शेर की  छुपके तू  खाल में, 
कुछ तो जिगर में ख़ाबो तसव्वुर हसीन रख |
++
लाशें  गिराने  वाले   तो  हथियार  हैं 'मनुज',
साँसे  किसी  को  दे  सके  ऐसी  मशीन रख |
             मनोज राठौर मनुज
              मो-8168940401
manojamanuja12345@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें