कविताएं
१. अंतरीप
व्यस्तता के समंदर में भी,
अकसर उभर ही आते हैं
इच्छाओं के अंतरीप,
कहीं किसी जगह निर्जन से दिखते,
कहीं शाद्वल से महकते,
रेगिस्तानी समंदर में,
किसी पाठशाला की समय सारणी में,
मध्यांतर से खिलखिलाते,
कहीं नीरस शब्दों के बीच
कोई कविता बन गुनगुनाते,
किसी पेड़ की सूखी डाली पर
नई कोंपल बनकर फूटते,
एकरूप नीरस जीवन को
रंगों की छटा से भरते
इच्छाओं के अंतरीप….
२. वहीं के वहीं
हम लिखते रहे शोषण के खिलाफ,
कागज दर कागज, कलम दर कलम,
पढ़ने वालों ने पढ़ा और अपने काम धंधे पर चले गए,
इस सब को आम सी बातें मान कर,
एक सदी पहले, एक सदी पहले के लोगों ने,
लिखा खूब शोषण के खिलाफ,
एक सदी पहले के लोगों ने भी पढ़ा खूब,
और फिर चलते गए अपने अपने काम धंधों पर,
उससे पहले की सदियों में, उन लोगों ने भी खूब लिखा,
और पढ़ने वालों ने तब भी पढ़ा पर चले गए पढ़कर,
अपनी अपनी कार्यशाला में,
तब भी यह बातें आम सी बातें लगती रही थी,
बात यह नहीं,
कि लिखने वाले और पढ़ने वाले,
रह गए वहीं के वहीं,
बात यह है कि,
क्या एक सदी बाद भी लिखने वालों को लिखना पड़ेगा, शोषण के खिलाफ,
और क्या तब भी पढ़ने वाले पढ़ने के बाद,
निकल पड़ेंगे अपने अपने काम धंधे पर,
और क्या तब भी यह बातें आम से बातें लगती रहेगी….
© हरदीप सबरवाल
परिचय
हरदीप सबरवाल पंजाबी यूनीवर्सिटी से सनातकोत्तर है, उनकी रचनाऐं विभिन्न ऑनलाइन और प्रिंट पत्रिकाओं में जैसे The Larcenist , Zaira Journal, PIN Quarterly Journal, Literature Online, The Writers Drawer, Quail Bells, NY Literary Magazine, In-flight literary Magazine, Toplogy magazine, Amomancies Magazine, Literary Yard, Alive, The Taj Mehal Review, जनकृति इंटरनैशनल मैगजीन, हस्ताक्षर वैब पत्रिका, सेतू मैगजीन, दिल्ली पत्रिका, हस्तक्षेप मैगजीन, साहित्य सुधा, नवपल्लव मैगजीन, साहित्य एक्सप्रेस, परिकल्पना समय, साहित्य कलश, जयदीप पत्रिका, सुखनवर पत्रिका, पुरवाई पत्रिका और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई है.
2015 में उनकी कविता The Refugee's Roots को The Writers Drawer International poetry contest में दूसरा स्थान मिला.
2016 मे उनकी कहानी "The Swing" ने The Writers Drawer short story contest 2016 में तीसरा स्थान जीता .
प्रतिलिपी लघुकथा सम्मान 2017 में इनकी में तृतीय स्थान मिला.
Spectrum publishing house UK published a poetry book Faceless( English)
वर्जिन साहित्य पीठ की और से कहानी संग्रह एक ख्वाब की मौत ईबुक के रूप में प्रकाशित
अब तक ६ सांझा संग्रहों में रचनाएं प्रकाशित
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बुधवार, 4 मार्च 2020
हरदीप सबरवाल की कविताएं
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